क्या भारत इस बार 100 पदकों का आंकड़ा पार कर पाएगा?

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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। क्या भारत इस बार 100 पदकों का आंकड़ा पार कर पाएगा? जवाब शायद नहीं है। 2010 के बाद जब भारत ने 100 पदक का आंकड़ा हासिल किया, तो कई एथलीटों के व्यक्तिगत प्रदर्शन में सुधार हुआ होगा, लेकिन सामूहिक रूप से भारतीय दल का प्रदर्शन उस ऊंचाई को नहीं छू पाया है, जो नई दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों के बाद भारत से अपेक्षित था।

ग्लासगो 2014 में, भारत ने 64 पदक जीते और 15 स्वर्ण, 30 रजत और 19 कांस्य के साथ 5वां स्थान हासिल किया। ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में हुए पिछले राष्ट्रमंडल खेलों में 2018 में भारत ने कुल 66 पदकों के साथ तीसरा स्थान हासिल किया था, जिसमें 26 स्वर्ण, 20 रजत और 20 कांस्य पदक शामिल थे।

बर्मिघम राष्ट्रमंडल खेलों में भारत के लोगों की उम्मीदें 215 से अधिक खिलाड़ियों के कंधों पर टिकी हैं, जिन्होंने खेलों के लिए क्वालीफाई किया है। राष्ट्रमंडल खेलों ने पहले ही निशानेबाजी स्पर्धाओं को हटा दिया है, जो भारत के लिए सबसे अधिक पदक जीतने की संभावनाओं में से एक है इसलिए पदकों की संख्या खेलों के पिछले सीजन से अधिक नहीं हो सकती है।

यहां उन खिलाड़ियों की सूची दी गई है, जो 28 जुलाई से शुरू होने वाले बर्मिघम राष्ट्रमंडल खेलों में संभावित पदक विजेता हो सकते हैं।

एथलेटिक्स : निस्संदेह, स्टार भालाफेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा स्वर्ण पदक जीतने के लिए भारत के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी में से एक होंगे। उन्होंने इस पूरे साल अच्छा प्रदर्शन किया है और दो अलग-अलग मौकों पर एक नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड दर्ज किया है। नीरज राष्ट्रमंडल खेलों 2022 में बहुप्रतीक्षित 90 मीटर का आंकड़ा भी पार करना चाहेंगे।

भारत ने बमिर्ंघम राष्ट्रमंडल खेलों के लिए चोपड़ा, दुती चंद और हिमा दास सहित 37 सदस्यीय एथलेटिक्स टीम का नाम रखा है। हालांकि, सीडब्ल्यूजी 2022 से पहले चोटिल होने के बाद शॉट पुटर तजिंदरपाल सिंह को बाहर होना पड़ा। तेजस्विन शंकर के लिए ऊंची कूद में भाग लेना भारत की संभावना को बढ़ा सकती है।

बैडमिंटन : भारत के पास कम से कम चार स्वर्ण पदक जीतने का शानदार मौका है। दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधु भी राष्ट्रमंडल खेलों 2022 में पदक जीतने का लक्ष्य रखेंगी। पीवी सिंधु को सिंगापुर ओपन 2022 में घातक फॉर्म में देखा गया था क्योंकि भारतीय शटलर ने खिताब जीता था।

उनके अलावा लक्ष्य सेन और किदांबी श्रीकांत, सात्विक रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी शानदार फॉर्म में हैं। इन सभी में स्वर्ण पदक जीतने का गुण है।

बॉक्सिंग : मौजूदा विश्व चैंपियन निकहत जरीन सामने से मजबूत बॉक्सिंग दस्ते की अगुआई करेंगी। तेलंगाना का बॉक्सर भारत का अगला बड़ा बॉक्सिंग सुपरस्टार बनने के लिए काफी उम्मीदें दिखा रहा है। युवा मुक्केबाज 50 किग्रा वर्ग में प्रतिस्पर्धा करने के लिए राष्ट्रमंडल खेलों में भाग ले रहा है।

निकहत के साथ विश्व चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता अमित पंघाल, ओलंपिक कांस्य पदक विजेता लवलीना बोरगोहेन, एशियाई चैंपियनशिप के स्वर्ण पदक विजेता संजीत कुमार भारत के लिए स्वर्ण पदक की संभावनाएं हैं, जबकि शिवा थापा और मोहम्मद हुसामुद्दीन भी अपने ²ढ़ संकल्प से लोगों को आश्चर्यचकित कर सकते हैं।

टेबल टेनिस: पिछले सीजन में, पुरुष टीम, महिला टीम और महिला एकल में मनिका बत्रा ने टेबल टेनिस में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया।

भारत के पास एक बार फिर पुरुष और महिला टीम दोनों में स्वर्ण जीतने का सबसे अच्छा मौका है। महिला एकल में बत्रा और पुरुष एकल में साथियान गणशेखरन या शरत कमल भी व्यक्तिगत स्वर्ण जीत सकते हैं।

वेटलिफ्टिंग : ओलंपिक रजत पदक विजेता सैखोम मीराबाई चानू के नेतृत्व में, वेटलिफ्टिंग भी सोने की दौड़ में हैं। 2021 विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक विजेता बिंद्यारानी देवी और विश्व चैंपियनशिप में 9वें स्थान पर रहीं गुरुराजा पुजारी अपने प्रदर्शन से दुनिया को चौंका सकती हैं।

कुश्ती : टोक्यो ओलंपिक पदक विजेता रवि कुमार दहिया और बजरंग पूनिया भारत के लिए स्वर्ण पदक की प्रमुख उम्मीदें हैं। हालांकि, दीपक पुनिया, विनेश फोगट के साथ रियो खेलों के ओलंपिक कांस्य पदक विजेता, साक्षी मलिक और 2021 एशियाई चैंपियनशिप की स्वर्ण पदक विजेता दिव्या काकरान भी कुश्ती में भारत के लिए प्रमुख पदक की उम्मीदे हैं।

भारत पदक की तलाश कहां कर सकता है? निश्चित रूप से क्रिकेट, हॉकी और स्क्वैश में।

 

 (आईएएनएस)

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